Ayurvedic use Wheat (Gehu)
मोच व सुजन में गेंहू बहुत ही लाभकारी हैं इसके लिये गेंहू की मोटी रोटी बनाकर एक तरफ सेंके रोटी के ऊपरी भाग में हल्दी सेंधा नमक व सरसों का तेल लगाकर गरम कर फैलाये थोड़ा ठंडा होने पर सुजन वाली जगह पर बांधे ध्यान रहे की कटने व फटने वाली जगह पर इसका प्रयोग न करे अंदरूनी चोट में ही इसका प्रयोग करे कुछ दिनों में सुजन उतर जायेगी और दर्द व मोच में आराम मिलेगा जिनको कही फोड़ा हुआ हैं और पक नही रहा हैं तो फोड़े के मुख पर थोड़ा छेद कर ले गेंहू की रोटी के ऊपरी भाग पर सेंधा नमक व हल्दी लगाकर थोड़ा गरम करे थोड़ा ठंडा होने पर उस रोटी को फोड़े पर बांधे सुबह तक फोड़ा पक जायेगा और दर्द में भी आराम मिलेगा जिनको मोच आ गई हैं और उसकी वजह से बहुत दर्द हो रहा हो तो उसके लिये गेंहू बहुत ही लाभकारी हैं इसके लिये 10 ग्राम गेंहू में आधी चम्मच हल्दी डालकर भुने जब वह लाल हो जाये तो उसे चबा चबाकर खाये इससे दर्द में आराम मिलेगा खाज खुजली दाद के लिये गेंहू बहुत ही लाभकारी हैं इसके लिये मिटटी के बर्तन में छोटा सा छेद कर उसमे गेंहू को रख दे उस हंडिया के नीचे छोटा सा बर्तन रख दे गेंहू वाले बर्तन की चारो तरफ उपले की आग जलाये इससे गेंहू के तेल छोटे बर्तन में इकट्ठा होने लगेगा उस तेल को दाद वाली जगह कुछ दिनों तक लगायें इससे दाद खाज खुजली व एग्जिमा में आराम मिलेगा जलने पर गेंहू का आटा बहुत ही लाभकारी हैं इसके लिये गेंहू के आटे में थोड़ा हल्दी डालकर आटे को गीला कर लुग्दी बनायें फिर उस लुग्दी को जलन वाली जगह पर बांधे इससे जलन में आराम मिलेगा और फोफले भी नही पड़ेंगे खांसी के लिये गेंहू बहुत ही लाभकारी हैं जिनको भयानक खांसी आती हो वे 10 से 15 ग्राम गेंहू की दलिया में 1-2 ग्राम नमक डालकर 400 ग्राम पानी में पकायें जब एक चौथाई बच जाये तो उसे छानकर पियें इससे खांसी में आराम मिलेगा इसके अतिरिक्त 5 ग्राम गेंहू की दलिया को भूनकर 1-2 तुलसी की पत्ती व 1-2 गुलाब की पंखुड़ियों को पानी में पकाकर सेवन करे इसका प्रयोग करने से भी खांसी में जल्द ही आराम मिलेगा
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